नई दिल्ली (ईएमएस)। देश की सर्वोच्च अदालत ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। पीड़ित ने शीर्ष कोर्ट में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। मालूम हो कि 3 मार्च चिन्मयानंद का जन्मदिन भी है। सुप्रीम कोर्ट ने चिन्मयानंद की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका जरूर खारिज कर दी, लेकिन मामले की ट्रायल लखनऊ कोर्ट से दिल्ली कोर्ट में ट्रांसफ़र करने की याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया। इस संबंध में कोर्ट ने यूपी सरकार और आरोपी को नोटिस भी जारी किया। ज्ञात हो कि चिन्मयानंद रेप केस में उत्तर प्रदेश की शाहजहांपुर जिला जेल में बंद थे। हाइकोर्ट ने चिन्मयानंद के खराब स्वास्थ्य के आधार पर उन्हें जमानत दी है। इससे पहले सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आर भानुमति ने खुद को इस केस से अलग कर लिया था। गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को दुष्कर्म के एक मामले में 3 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने जमानत पर निर्णय सुनाते हुए चिन्मयानंद को रिहा करने का आदेश दिया था। इस मामले में पीड़ित छात्रा और उसके साथियों की जमानत हाईकोर्ट से पहले ही मंजूर हो चुकी है। चिन्मयानंद बीते 20 सितंबर से जेल में थे। इससे पहले रंगदारी मामले में आरोपी पीड़ित छात्रा को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद 11 दिसंबर को शाहजहांपुर जेल से रिहा कर दिया गया था।
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