विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त अनुसंधान एवं विकास केंद्र इटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च ऑफ पाउडर मैटलर्जी एंड न्यू मटीरियल्स (एआरसीआई), हैदाराबाद के वैज्ञानिकों ने पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन ईंधन सेल (पीईएमएफसी) विकसित किया है।
पॉलिमर इलेक्ट्रोलाइट मेम्ब्रेन ईंधन सेल यानी पीईएमएफसी के पास विकेंद्रीकृत बिजली उत्पादन प्रणालियों में अनुप्रयोगों के साथ कम तापमान पर परिचालन की क्षमता है। ईंधन सेल प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में गहन अनुसंधान और विकास की कोशिशों के जरिए एआरसीआई ने अपने सेंटर फॉर फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी, चेन्नई में 1 से 20 किलोवाट (केडब्ल्यू) की पावर रेंज में इन-हाउस पीईएमएफसी प्रणाली विकसित की है और स्थिर (1- 20 किलोवाट) तथा परिवहन अनुप्रयोग (1,3,5 किलोवाट) में इसका प्रदर्शन किया। आपातकालीन संचालन केंद्र (ईओसी) में ईंधन सेल स्टैक (बिना ग्रिड पावर के हाइड्रोजन गैस का उपयोग करके स्थायी बिजली प्रदान करना) के साथ 10 किलोवाट सिस्टम की मदद से प्राकृतिक आपदा प्रबंधन उपाय के रुप में एयर मूविंग सब सिस्टम, बिजली नियंत्रण संयंत्र और नियंत्रण एवं निगरानी प्रणाली की योजना बनाई जा रही है।प्राकृतिक आपदाएं भूकंप, भूस्खलन, चक्रवात, बाढ़, सुनामी जैसी आपदाओं के नतीजे हैं जो मानवीय गतिविधियों को प्रभावित करती हैं। तमिलनाडु में आमतौर पर हर साल पांच से छह चक्रवात आते हैं, जिनमें से दो से तीन काफी गंभीर होते हैं। भविष्य की आपात स्थितियों के प्रभाव को कम करने के लिए आपदा प्रबंधन का फोकस प्रतिक्रिया केंद्रित (बचाव, राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण) से आपदा प्रबंधन चक्र के अन्य घटकों (बचाव, शमन, और तैयारी) पर अधिक जोर देने पर दिया गया है।
तमिलनाडु सरकार आपदा से निपटने के दोनों तरीकों को बराबर महत्व देने के साथ ही इसके लिए एक मजबूत आपदा प्रबंधन प्रणाली विकसित करना चाहती है। पूरी दुनिया में आपदा प्रबंधन में नवीनतम अवधारणा नियंत्रण कक्षों को आपातकालीन संचालन केंद्रों (ईओसी) में बदलने को लेकर है। आपातकालीन संचालन केंद्र अत्याधुनिक संचार प्रणालियों की मदद से आपातकालीन स्थिति के दौरान तुरंत उचित सेवाएं देते हैं। यह आपदा के कठिन समय में तत्काल सहायता प्रदान करने में मदद करता है।
इसलिए तमिलनाडु सरकार ने ईंधन सेल स्टैक, एयर मूविंग सब सिस्टम, बिजली नियंत्रण संयंत्र और नियंत्रण एवं निगरानी प्रणाली के साथ मौजूदा नियंत्रण कक्ष को 10 किलोवाट प्रणाली वाले आपातकालीन संचालन केंद्र में बदलने की संभावना का पता लगाने का फैसला लिया है। ईंधन सेल प्रणाली पारंपरिक बैटरी बैक-अप सिस्टम की जरूरत के अनुसार बिना ग्रिड पावर के हाइड्रोजन गैस का उपयोग करके स्थायी बिजली प्रदान करके संभावित लाभ का प्रस्ताव देता है। हाल ही में एआरसीआई ने ईओसी को बिजली प्रदान करने की व्यवहार्यता प्रदर्शित की। 5 किलोवाट की क्षमता वाले पीईएमएफसी स्टैक को मोबाइल ट्रक पर रखकर 5 दिसंबर, 2019 को तमिलनाडु राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (टीएनएसडीएमए) में प्रदर्शित किया गया है। राजस्व प्रशासन और आपदा प्रबंधन के आयुक्त डॉ. जे. राधाकृष्णन ने इसे देखा और पीईएमएफसी प्रौद्योगिकी के काम की सराहना की।
एआरसीआई अब तमिलनाडु राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (टीएन एसईओसी) में 10 किलोवाट क्षमता तक की पीईएमएफसी प्रणाली स्थापित करने की योजना बना रहा है ताकि शुरुआती चेतावनी प्रणाली, वीएचएफ सेट, आईपी फोन, बीएसएनएल ईथरनेट और स्कैनर, कंप्यूटर, प्रिंटर, फोन, फैक्स जैसे कार्यालय उपकरणों एवं बिजली-पंखे जैसी सामान्य जरूरतों को संचालित किया जा सके।