धर्मशाला(ईएमएस)। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि सीएसआईआर-हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर ने हींग और राज्य के ऊॅचाई वाले क्षेत्रों में उगाए जाने वाले फलों (मोंक फ्रूट्स) को प्रोत्साहन देने के लिए सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों को राज्य की विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से आगे ले जाने की आवश्यकता है ताकि इनके लाभ व्यापक स्तर पर मिल सकें।
राज्यपाल आज सीएसआईआर-हिमाचल जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर के एक समारोह में सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सम्भावित नए क्षेत्रों में केसर की खेती की सफलता न केवल स्थानीय किसानों में समृद्धि लाएगी बल्कि इससे देश में केसर के उत्पादन की घटती स्थिति में भी सुधार होगा। उन्होंने कहा कि यह सराहनीय है कि इस संस्था में उत्तरी-पूर्वी राज्यों में 16.25 एकड़ क्षेत्र में सेब की खेती आरम्भ की है। उन्होंने कहा कि ठोस कचरा प्रबन्धन आज चिन्ता का बड़ा कारण है और मन्दिर के कचरे से अगरबत्ती का निर्माण संस्थान की उल्लेखनीय उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि संस्थान की गतिविधियों में उद्यमिता विकास और स्टार्टअप तथा कौशल विकास सतत् विकास की दिशा में बहुमूल्य है।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सेब, बादाम, चैरी, आडू, आम, नींबू प्रजाति और अन्य फलों का बड़े पैमाने पर उत्पादन कर रहा है। इन फलों के साथ-साथ सब्जियों की कटाई के बाद के नुकसानों को रोकना गम्भीर राष्ट्रीय समस्या है। उन्हांेने कहा कि इन फलों और सब्जियों पर संस्थान की तकनीक प्रशांसनीय और प्रासंगिक है, क्योंकि इससे फलों व सब्जियों को पोषक गुणवत्ता के साथ लम्बे समय तक ताजा रखा जा सकता है।
Sign in
Sign in
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.