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पूर्वोत्तर सतत विकास लक्ष्य सम्मेलन 2020 – तीसरा दिन

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पूर्वोत्तर सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) सम्मेलन – 2020 गुवाहाटी में चल रहा है। सम्मेलन के तीसरे दिन तीन तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिसमें सरकार के वरिष्‍ठ अधिकारियों, नागरिक समाज संगठनों, विचारकों, शिक्षाविदों, मीडिया और स्‍टार्टअप्‍स की सक्रिय भागीदारी देखी गई।

तीसरे दिन सम्‍मेलन की शुरुआत शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता पर पांचवें तकनीकी सत्र के साथ हुई। सत्र की अध्‍यक्षता असम सरकार के अपर मुख्‍य वित्‍त सचिव श्री राजीव कुमार बोरा ने की। इस सत्र में स्‍कूलों में बीच में पढ़ाई छोड़ने, स्‍कूलों में कम भर्ती, शिक्षकों के गैर-हाजिर रहने, आबादी वाले क्षेत्रों में स्‍कूलों की सुविधा न होने और गुणवत्‍ता संबंधी मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।

सत्र विशेष रूप से रोजगारपरक शिक्षा, कौशल विकास, उद्यमिता विकास और रोजगार सृजन जैसे मुद्दों पर केन्द्रित रहा। श्री बोरा ने कहा कि शिक्षा को कौशल विकास और उद्यमिता के साथ जोड़ा जाना चाहिए। पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के समग्र विकास के लिए यह जरूरी है।

असम सरकार के एसजीडी सलाहकार डॉ. शिलादित्‍य चटर्जी की अध्‍यक्षता में संचार, संपर्क और अवसंरचना विकास पर आयोजित छठे सत्र में जलमार्ग, परिवहन और शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया। इसमें पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के लिए अहम माने जाने वाले भौतिक और डिजिटल अवसंरचना विकास के महत्‍व पर जोर दिया गया। सत्र के दौरान अवसंरचना विकास के लिए कम लागत वाली प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए साझेदारी पर चर्चा की गई।

सम्‍मेलन के सातवें और अंतिम तकनीकी सत्र में पूर्वोत्‍तर में असमानता और समावेषण के अभाव विषय पर चर्चा की गई। इसकी अध्‍यक्षता नीति आयोग की एसडीजी सलाहकार सुश्री संयुक्‍ता समादार ने की। इस सत्र में नागरिक समाज संगठन और सहकारी बैंकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सत्र का मूल विषय एसडीजी के कोई पीछे न छूटे के सिद्धांत पर आधारित था। सत्र के दौरान पूर्वोत्‍तर के उपेक्षित विभिन्‍न समुदायों और क्षेत्रों की समस्‍या के समाधान के लिए विभिन्‍न पहलों पर चर्चा की गई।

सम्‍मेलन के समापन सत्र की अध्‍यक्षत पूर्वोत्‍तर परिषद के सचिव श्री मुजेज चलाई ने की। इस दौरान तीन दिवसीय सम्‍मेलन में प्रस्तुत सभी सिफारिशों और सुझावों को समग्र रूप से आगे बढ़ाने के लिए संक्षेप में प्रस्तुत किया गया। सभी आठ पूर्वोत्‍तर राज्यों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने एसडीजी को लागू करने और इसके लक्ष्‍य हासिल करने के लिए आगे के उपायों पर विस्‍तार विचार-विमर्श किया। श्री चलाई ने कहा कि सम्‍मेलन में एसडीजी को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए सभी हितधारकों को साथ लाने और उनका सहयोग हासिल करने की संभावनाओं को तलाश गया। उन्‍होंने कहा कि राज्‍य एसडीजी के सबसे बड़े हितधारक हैं। सामुदायिक भागीदारी और स्वामित्व भी इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण हैं इसलिए महिलाओं को भी इसके साथ जोड़ा जा रहा है।

सत्र का समापन सतत विकास के लिए नवाचार, सहयोग और साझेदारी को बेहतर बनाने के साझा उपायों पर सहमति के साथ हुआ। सत्र का समापन भारत में यूएनडीपी की रेजिडेंट प्रतिनिधि सुश्री शोकोनोडा के भाषण के साथ हुआ।

पूर्वोत्तर सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) सम्मेलन – 2020 की शुरुआत 24 फरवरी, 2020 को गुवाहाटी स्थित असम प्रशासनिक स्टॉफ कॉलेज में हुई। तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन नीति आयोग ने पूर्वोत्तर परिषद, असम सरकार और टाटा ट्रस्ट के सहयोग से किया। सम्मेलन को यूएनडीपी और आरआईएस का समर्थन प्राप्त है।

नीति आयोग को राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय स्तर पर एसडीजी को अपनाने और उसकी निगरानी करने का अधिकार प्राप्त है। 2030 तक एसडीजी हासिल करने के लिए इस दशक की कार्रवाई में पूर्वोत्तर क्षेत्र की प्रगति महत्वपूर्ण है और यह सम्मेलन नीति आयोग के उप-राष्ट्रीय स्तर पर साझेदारी को बढ़ावा देने के लगातार किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है। एसडीजी स्थानीयकरण के संदर्भ में, क्षेत्र के राज्यों ने अपनी विकास योजना और दृष्टि दस्तावेजों में एजेंडा 2030 को जोड़ने में काफी प्रगति की है।

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