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जम्‍मू-कश्‍मीर में विशेष पहुंच कार्यक्रम के तीसरे दिन की शुरुआत

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सुश्री देबाश्री चौधरी ने कहा कि लोगों से मिलने और उनकी जरूरतों को समझने का अवसर मिला हैमहिला और बाल विकास राज्‍य मंत्री सुश्री देबाश्री चौधरी ने आज कहा कि केन्‍द्र सरकार का उद्देश्‍य सुशासन को बढ़ावा देना, रोजगार पैदा करना और जम्‍मू-कश्‍मीर के नागरिकों की सभी लाभार्थी उन्‍मुख योजनाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना है। जम्‍मू-कश्‍मीर और इसके लोगों के समग्र विकास के लिए अपनी नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करने के बारे में जानकारी का प्रसार करने हेतु केन्‍द्र सरकार के विशेष सार्वजनिक पहुंच कार्यक्रम के तीसरे दिन मारह, जम्‍मू में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए सुश्री देबाश्री चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने चुने हुए प्रीतिनिधियों को लोगों से मिलने और उनकी जरूरतों को समझने का एक बड़ा अवसर प्रदान किया है।

उन्‍होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्‍मीर में विकासात्‍मक कार्यों के लिए सभी लंबित अनुमोदनों को मंजूरी दे दी गई है। किसानों को उनकी फसलों को हुए नुकसान के लिए मुआवजा दिया गया है और पीएमजीएसवाई के तहत कई हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ है। उन्‍होंने कहा कि सभी केन्‍द्र प्रायोजित योजनाओं और कार्यक्रमों को जम्‍मू-कश्‍मीर में सबसे अधिक प्राथमिकता दी जाएगी।

सुश्री देबाश्री चौधरी ने कहा कि एकीकृत बाल विकास सेवाएं केन्‍द्र सरकार की एक महत्‍वाकांक्षी पहल है जिसके तहत बच्‍चों और उनकी माताओं को खाना, पूर्व-स्‍कूल शिक्षा, प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य सेवा, टीकाकरण, स्‍वास्‍थ्‍य जांच और रेफरल सेवाएं उपलब्‍ध कराई जाती हैं। उन्‍होंने यह भी बताया कि मिड-डे-मील, पल्‍स पोलियों, बाल संरक्षण और विकास, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सहित अन्‍य केन्‍द्र प्रायोजित योजनाएं अगर इस केन्‍द्र शासित प्रदेश में उचित रूप से लागू की जाएं तो ये यहां के लोगों के लिए बड़ा बदलाव ला सकती हैं।

कुछ केन्‍द्र प्रायोजित योजनाओं की जानकारी देते हुए मंत्री महोदया ने कहा कि जम्‍मू–कश्‍मीर में स्‍वच्‍छ भारत के तहत 2.5 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया है। उज्‍ज्‍वला योजना शत-प्रतिशत लक्ष्‍य पर पहुंच गई है, आयुष्मान भारत योजना के तहत छह महीनों से भी कम समय में 3.5 लाख गोल्‍डन कार्ड बांटे गए हैं। इसके अलावा दिव्‍यांगजनों और विधवाओं के लिए पेंशनों का वितरण जो वर्ष 2018 में 62 प्रतिशत था वे आज बढ़कर 80 प्रतिशत हो गया है।

उन्‍होंने कहा कि जमीनीस्‍तर पर लोकतंत्र जम्‍मू-कश्‍मीर के विकास के लिए समय की जरूरत है। उन्‍होंने यह दोहराया कि जम्‍मू-कश्‍मीर में खंड विकास परिषद के चुनाव आयोजित करना एक ऐतिहासिक कदम था जिसने लोगों को सशक्‍त किया और स्‍थानीय शासन में निर्णय लेने में समर्थ बनाया। उन्‍होंने यह भी कहा कि वर्ष 2018 में आयोजित पंचायत चुनाव ने विभिन्‍न चुनौतियों के बावजूद यह सिद्ध किया है कि जम्‍मू–कश्‍मीर हर क्षेत्र में विकास चाहता है और सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों में विश्‍वास रखता है।

अपनी यात्रा के दौरान सुश्री देबाश्री चौधरी ने मचैनी-दोमना से चि‍ब्‍बा चौक और गजांसू से लोहरीचक रथाना तक दो सड़क परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। विभिन्‍न प्रतिनिधिमंडलों ने भी महिला और बाल विकास राज्‍य मंत्री सुश्री देबाश्री चौधरी से मुलाकात की और अपनी मांगों और समस्‍याओं के बारे में ज्ञापन सौंपे। उनकी मांगों में दिव्‍यांग समुदाय के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण कोटा और अलग स्‍कूल तथा अन्‍य वे सुविधाएं भी शामिल हैं जो अन्‍य राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों में दिव्‍यांगजनों के लिए लागू हैं।

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