तेहरान (ईएमएस)। कोरोना वायरस की महाआपदा से ईरान बुरी तरह से जूझ रहा है। चीन, इटली के बाद ईरान में इस वायरस से सबसे ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं। ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक यहां 16,169 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जबकि 988 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच ईरान में हुए एक अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि मई तक कोरोना की वजह से 35 लाख लोगों की मौत हो सकती है।
अमेरिकी प्रतिबंधों की मार झेल रहे ईरान की शरीफ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस को लेकर कंप्यूटर सिमुलेटर के आधार पर कई परिस्थितियों का अनुमान लगाया है। इसमें कहा गया है कि अगर सरकार सभी प्रभावित इलाकों को क्वरेंटीन करती है, लोग नियमों का सख्ती से पालन करते हैं और इलाज की सुविधाएं मुहैया होती हैं तो भी एक हफ्ते में यह बीमारी अपने चरम तक पहुंच जाएगी और मरने वालों का आंकड़ा 12 हजार को पार कर जाएगा।
शोधकर्ताओं ने कहा कि अगर वास्तविकता की बात करें तो मई से पहले ईरान में कोरोना अपने चरम पर नहीं पहुंचेगा। इसके परिणाम स्वरूप ईरान में 35 लाख लोग मारे जा सकते हैं। पूरी दुनिया में ईरान कोरोना वायरस से मौतों के मामले में तीसरे नंबर पर है। माना जा रहा है कि मरने वालों का यह आंकड़ा और ज्यादा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ईरान के 988 लोगों की मौत के आंकड़े से 5 गुना ज्यादा लोग कोरोना से मारे गए हैं।
ईरान के प्रसिद्ध कोम शहर में 19 फरवरी को कोरोना से संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। इसके बाद से लगातार देश में कब्रे खोदी जा रही हैं। लाशों को दफनाने के लिए अब सामूहिक कब्रें खोदी जा रही हैं। इस बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातोल्ला अली खामेनेई ने इसके बाद फतवा जारी कर लोगों से गैर-जरूरी यात्राएं न करने को कहा है। खामेनेई का फतवा अखबारों में प्रकाशित और टीवी में प्रसारित कराया गया है।
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