रोम (ईएमएस)। वैश्विक महामारी घोषित हो चुके कोरोना बायरस ने चीन के वुहान प्रांत में कोहराम मचाने के बाद दुनिया के किसी कोने में अगर भयानक तबाही मचाई है, तो वह है इटली। करीब 3 हफ्ते से यह खतरनाक वायरस मौत बनकर घूम रहा है और दिन-ब-दिन इटली में होने वाली मौतों का आंकड़ा तेजी पकड़ रहा है। देश में अब तक 35,713 मामले पाए गए हैं और 2,978 लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार को ही यहां एक 475 लोगों की मौत हो गई। इटली में कोरोना पीड़ितों की मृत्युदर एक बड़ा सवाल खड़ा कर रही है कि आखिर बाकी देशों की तुलना में यहां हालात इतने गंभीर क्यों हैं।
दरअसल, कोरोना वायरस का असर बुजुर्ग लोगों पर ज्यादा हो रहा है और खबरों के मुताबिक इटली में 65 या ज्यादा साल के लोगों की संख्या करीब एक चौथाई है। देश में अब तक कोरोना की वजह से गईं ज्यादातर जानें 80-100 के बीच की उम्र के लोगों की रहीं। बड़ी उम्र के लोगों में अमूमन पहले से कोई न कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होती है। ऐसे में उनका वायरस की चपेट में आना आसान होता लेकिन उससे लड़ने की शक्ति कम हो जाती है। टेस्टिंग की कमी इटली की मृत्यु दर के ज्यादा होने के पीछे अहम कारण मानी जा रही है। जिन लोगों, खासकर युवाओं को हल्के-फुल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं वे या तो टेस्ट कराने जा नहीं रहे हैं या उन्हें बिना टेस्ट के वापस भेजा जा रहा है। इनमें से कई ऐसे होते हैं जिन्हें कोरोना का इन्फेक्शन होता है लेकिन बिना टेस्ट उन्हें पॉजिटिव नहीं माना जा सकता। इसकी वजह से दूसरी जगहों की तुलना में पॉजिटिव पाए गए केस कम रहते हैं, जबकि मौतों की संख्या बढ़ती रहती है और आखिर में मृत्यु दर बढ़ी हुई नजर आती है।
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