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चुनौतियों के बीच विकास की नई इबारत लिखेगा मप्र सरकार का बजट

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बजट में कांग्रेस का वचन पत्र और विजन टू डिलीवरी रोडमैप 2020-25 की छाया
– कर्जमाफी, किसानों को राहत, बेरोजगार युवा, शहरी विकास, कर्मचारी कल्याण, अधोसंरचना विकास पर रहेगा फोकस।
-कांग्रेस सरकार ने 2019 में अपना पहला बजट 2 लाख 33 हजार करोड़ रुपए का पेश किया था।
भोपाल (ईएमएस)। केंद्र के उपेक्षापूर्ण रवैए और केंद्रीय करों में कटौती के कारण मप्र का बजट चुनौतियों भरा रहेगा। लेकिन चुनौतियों के बीच मप्र सरकार का वर्ष 2020-21 का बजट प्रदेश के विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। मुख्यमंत्री कमलनाथ इस बजट को लेकर काफी संजीदा है और उनका साफ तौर पर मानना है कि इस बजट के माध्यम से आंकड़ों की बाजीगरी से परे विकास अब हकीकत में दिखना चाहिए। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में वित्त विभाग बजट का खाका तैयार कर रहा है। इस दौरान अफसरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती प्रदेश को वित्तीय बदहाली से उभारना और सीमित राजस्व संसाधनों के बल पर आगे की कार्ययोजना बनाना है। मौजूदा बजट दो लाख 33 हजार करोड़ रुपए का है, जो पुनरीक्षित होकर 25 हजार करोड़ रुपए तक घट सकता है।
कमलनाथ सरकार का दूसरा बजट 16 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम सप्ताह में पेश किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार बजट का फोकस इस बार कांग्रेस के वचन पत्र और विजन टू डिलीवरी रोडमैप 2025 पर रहेगा। कर्जमाफी, किसानों को राहत, बेरोजगार युवा, शहरी विकास, कर्मचारी कल्याण, अधोसंरचना विकास पर फोकस किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस पर बड़ी राशि का प्रावधान किया जा सकता है। कर्मचारी कल्याण, अधोसंरचना और पर्यटन विकास के लिए भी विभागों को बड़ी राशि दी जाएगी।

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