पटना (ईएमएस)। बिहार के पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एक अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने कहा को गरीबों के लिए ‘थोड़ा शराब पीने को संजीवनी’ बताया उनके इस बयान पर राज्य की नीतीश कुमार सरकार की ओर से सख्त प्रतिक्रिया आई है, जिसने राज्य में 2016 में शराब को प्रतिबंधित कर दिया था। कांग्रेस ने भी मांझी के बयान से सहमति जताई है। राज्य में शराब को प्रतिबंधित किए जाने संबंधी कानून जब बनाया गया था तब प्रदेश की नीतीश सरकार में कांग्रेस भी शामिल थी। मांझी ने गुरुवार को पूर्णिया में यह बयान दिया था जब उनसे एक तस्वीर दिखा कर सवाल किया गया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा संबोधित एक रैली में एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति अधमरी अवस्था में दिख रहा था। सोशल मीडिया में यह तस्वीर वायरल हो गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘मुझे नहीं पता कि यह व्यक्ति शराब के नशे में है या नहीं। लेकिन आइए हम शराब की खपत के बारे में एक बड़ा बतंगड़ करना बंद करें। दारू कभी-कभी दवा के रूप में भी पेश की जाती है। मुझे इसका अनुभव है। बहुत पहले मैं हैजा से पीड़ित था तब एक नुस्खे ने मुझे बचा लिया।’ हम प्रमुख ने कहा था, ‘थोड़ा शराब पीना काम करने वाले श्रमिकों के लिए संजीवनी के बराबर होता है जो दिन भर कमर तोड़ मेहनत कर अपने घर लौटते हैं।’ भाजपा नेता एवं राज्य सरकार में भूमि सुधार मंत्री राम नारायण मंडल ने मांझी की आलोचना करते हुए ‘उनकी खुद की आदतों को सही ठहराने की मांग’ करने का आरोप लगाया और दावा किया कि ‘लोग शराब पर प्रतिबंध लगाने से खुश हैं और यह हमेशा के लिए रहने वाला है
Sign in
Sign in
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.