नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली विधानसभा चुनाव की लड़ाई बेहद दिलचस्प मोड़ पर आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रचार में उतरने के २४ घंटे के अंदर ही आम आदमी पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इस दौरान दिल्ली की जनता से वादों के साथ ही अरविंद केजरीवाल ने एक बड़ा दांव भी चल दिया है। केजरीवाल ने बीजेपी की उस कमजोर नब्ज को छूने की कोशिश की है, जिसने २०१५ के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को गहरा जख्म दिया था।
घोषणा पत्र जारी करते हुए आप के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी को खुली बहस की चुनौती दी और कहा कि कल (५ फरवरी) एक बजे तक बीजेपी अपने सीएम कैंडिडेट का नाम बताए, मैं उससे बहस के लिए तैयार हूं। केजरीवाल का यह बयान बीजेपी की उस कमजोर नब्ज़ पर वार माना जा रहा है जिसे वह अब तक इग्नोर करती आई है।
साल २०१५ में बीजेपी ने किरण बेदी का चेहरा आगे रखकर चुनाव लड़ा था और केंद्र की सत्ता होने के बावजूद उसे बुरी नतीजों का सामना करना पड़ा था। जबकि दिल्ली की जनता ने केजरीवाल के नाम पर आम आदमी पार्टी को ७० में ६७ सीटें देकर इतिहास रच दिया था। २०१४ की तरह ही केंद्र में एक बार फिर से बड़ी ताकत के साथ नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सत्ता संभाल रही है, लेकिन इस बार पार्टी ने दिल्ली में किसी सीएम फेस की घोषणा नहीं की है। लिहाजा, पार्टी पीएम मोदी के नाम पर ही वोट मांग रही है।
चुनाव प्रचार में पूरी ताकत से जुटे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहले दिन से दिल्ली में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के दावे कर रहे हैं। अब पीएम मोदी खुद यहां प्रचार में उतर गए हैं। जो सीधे तौर पर आम आदमी पार्टी की सरकार को चुनौती दे रहे हैं।
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