उपराष्ट्रपति ने युवाओं से सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने और गरीबी एवं भुखमरी से मुक्त नए भारत के निर्माण के लिए प्रयास करने को कहा
उपराष्ट्रपति ने युवाओं से हिंसा को प्रोत्साहित करने वालों का समर्थन नहीं करने का आग्रह किया
हिंसा के प्रेरक जनविरोधी हैं और राष्ट्र के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं: उपराष्ट्रपति
कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ यूथ एक्सीलेंस द्वारा हैदराबाद में आयोजित कलाम सम्मेलन -2020 को संबोधित किया
स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों और योगदान को जानने के लिए इतिहास की पाठ्य पुस्तकें पढ़ने का आग्रह
युवाओं से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं और सदियों पुराने भारतीय मूल्यों की रक्षा करने को कहा
उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने युवाओं से सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने और गरीबी, भेदभाव, असमानता, भ्रष्टाचार और भूख से मुक्त नए भारत के निर्माण के लिए प्रयास करने का आह्वान किया।
हैदराबाद में ब्रह्मकुमारी शांति सरोवर लेन में कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ यूथ एक्सीलेंस द्वारा आयोजित कलाम सम्मेलन – 2020 को संबोधित करते हुए उन्होंने युवाओं से हिंसा को प्रोत्साहित करने वालों का समर्थन नहीं करने का आग्रह किया।
श्री नायडू ने कहा कि जो लोग हिंसा भड़का रहे हैं, वे जनविरोधी हैं और राष्ट्र के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं।
उपराष्ट्रपति ने देश के विकास के लिए शांति को पहली शर्त बताते हुए कहा कि लोकतंत्र में हिंसा की कोई गुंजाइश नहीं है और मतदान बुलेट से अधिक शक्तिशाली होता है।
युवाओं को देश का भविष्य बताते हुए उपराष्ट्रपति ने उनसे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं और सदियों पुराने भारतीय मूल्यों की हमेशा रक्षा करने का आग्रह किया। उन्होंने युवाओं से इच्छा जताई कि वे भारत के दूसरों की देखभाल करने और साझेदारी के दर्शन को अपनाते हुए कम विशेषाधिकार वाले लोगों के लिए सहानुभूति रखें और उनकी चिंता करें।
बच्चों को रचनात्मक, कल्पनाशील और नवोन्मेषी बनाने के लिए शिक्षा प्रणाली के पुनर्गठन की आवश्यकता पर जोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने अल्लुरी सीतारमा राजू, वीरपांडिया कट्टाबोम्मन, लाला लाजपत राय और वीर सावरकर जैसे स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए महान बलिदानों और योगदान को समझने के लिए इतिहास की पाठ्यपुस्तकों को फिर से पढ़ने का आह्वान किया।
सार्वजनिक जीवन में नैतिकता की आवश्यकता पर उपराष्ट्रपति ने लोगों से ऐसे प्रतिनिधियों का चुनाव करने का आग्रह किया जो चरित्रवान, व्यवहार कुशल, क्षमतावान हों न कि जाति, समुदाय, नकदी और आपराधिकता से भरे हुए हों।
पूर्व राष्ट्रपति श्री एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि डॉ. कलाम इस बात के बड़ा उदाहरण हैं कि इंसान अपनी इच्छाशक्ति, दृढ़ता, कड़ी मेहनत, अनुशासन, समर्पण और साहस के जरिए अपने जीवन को बेहतर रूप दे सकता है।
इस मौके पर डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी, कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ यूथ एक्सीलेंस के भारतीय संस्थापक श्री नरेश, कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ यूथ एक्सीलेंस के ट्रस्टी श्री पिडिकिति भोपाल और गांधी ग्लोबल फैमिली के अध्यक्ष डॉ. गुन्ना राजेंद्र रेड्डी भी मौजूद थे।