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महिला कारीगरों ने केवीआईसी के अध्यक्ष के साथ मनाया रक्षाबंधन का त्योहार

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नई दिल्ली, 01सितम्बर। रक्षाबंधन के पावन अवसर पर देश के विभिन्न क्षेत्रों की कारीगर बहनें नई दिल्ली स्थित खादी भवन में इकट्ठा हुईं। इन महिलाओं ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के माननीय अध्यक्ष मनोज कुमार की कलाई पर खादी की राखी बांधी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 7 अगस्त, 2023 को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ कार्यक्रम के दौरान नागरिकों से अपील की थी कि वे आने वाले उत्सवों के लिए खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादों को खरीदकर ग्रामीण कारीगरों का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि इससे भारत के दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के बेहतर अवसर सुनिश्चित किए जा सकेंगे।

महिला विकास पर जोर देने वाले ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत प्रधानमंत्री ने हमेशा देश के विभिन्न क्षेत्रों की महिला कारीगरों को खादी राखी बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। मनोज कुमार ने ‘खादी राखी’ का महत्व समझाते हुए कहा कि इसकी विशिष्टता सूत कातने वाले ग्रामीण भारतीयों की दृढ़ता में निहित है जो इसे बनाने के लिए अथक परिश्रम करते हैं। चरखे पर बारीकी से कताई करते हैं। ये उत्पाद पूरी तरह से प्राकृतिक हैं और किसी भी कृत्रिम चीज से मुक्त हैं।

इस तरह की खादी राखी अब नई दिल्ली के खादी भवन में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। एक राखी की कीमत 20 से लेकर 250 रुपये तक है।

उन्होंने यह भी कहा कि मेक इन इंडिया पहल के समर्थन में, खादी और ग्रामोद्योग आयोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को सफल बनाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है। इस प्रयास के तहत, आयोग पीएमईजीपी जैसी प्रमुख योजनाओं के तहत स्वीकृत ऋण धनराशि का 35 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान कर रहा है। खादी गतिविधियों में शामिल 80 प्रतिशत कर्मचारी महिलाएं हैं। उन्होंने महिलाओं में गरीबी, अशिक्षा को समाप्त कर और बेहतर स्वास्थ्य को महत्व देते हुए कौशल विकास और आत्मनिर्भरता के जरिए महिलाओं की क्षमता की पूर्ति की कामना की।



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