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आयकर विभाग की छापेमारी से 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की अधोषित विदेशी परिसंपत्तियों का पता चला

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काले धन विशेष रूप से अघोषित विदेशी संपत्तियों के खिलाफ सरकार के मिशन को आगे बढ़ाते हुए आयकर विभाग ने 19 जनवरी, 2020 को एक ऐसे समूह पर छापेमारी की जो अघोषित विदेशी संपत्ति रखने के लिए उनके निशाने पर था। इस अभियान के तहत एनसीआर में 13 परिसरों पर छापेमारी की गई।

यह समूह आतिथ्य सेवा उद्योग का एक प्रमुख खिलाड़ी है जो विदेश में एक होटल और भारत के विभिन्न स्थानों पर एक प्रमुख ब्रांड नाम के तहत लक्जरी होटल श्रृंखला चला रहा है।

इस छापेमारी के दौरान अब तक 24.93 करोड़ रुपये मूल्य की अधोषित परिसंपत्तियां (71.5 लाख रुपये की नकदी, 23 करोड़ रुपये के आभूषण और 1.2 करोड़ रुपये मूल्य की महंगी घड़ियां) जब्त की गईं हैं।

छापेमारी के दौरान जब्त किए गए साक्ष्यों से पता चला कि करों में छूट की दौर में 1990 के दशक में गठित ट्रस्टों के ढ़ांचे के माध्यम से समूह द्वारा विदेशों में बड़ी मात्रा में काला धन जमा किया गया।

मुख्य व्यक्तियों की इस प्रकार की विदेशी होल्डिंग दशकों से जटिल बहुस्तरीय संरचनाओं के पीछे छिपी रही जिसका संबंध विभिन्न देशों से होने के कारण गोपनीयता सुनिश्चित हुई। छापेमारी के दौरान यह भी पता चला कि प्रमोटर परिवार के करीबी रिश्तेदारों में से एक को जानबूझकर घरेलू कर कानूनों के प्रावधानों से बचने के लिए सामने लाया गया था।

इस जांच से 1,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की अघोषित विदेशी संपत्तियों का पता चला है। इसके अलावा 35 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी का मामला भी सामने आया है। इसकी जांच काला धन अधिनियम, 2015 और आयकर अधिनियम, 1961 के तहत क्रमशः कार्रवाई की जाएगी। विदेशी परिसंपत्तियों में ब्रिटेन के एक होटल में निवेश, ब्रिटेन एवं संयुक्त अरब अमीरात में अचल संपत्तियां और विदेशी बैंकों में जमा रकम शामिल हैं। मामले की जांच जारी है।

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