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15वें वित्‍त आयोग ने गोवा के ग्रामीण स्‍थानीय निकायों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की

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15वें वित्‍त आयोग के अध्‍यक्ष श्री एन.के. सिंह और आयोग के सदस्‍यों व वरिष्‍ठ अधिकारियों ने गोवा के ग्रामीण स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की।

आयोग के समक्ष निम्‍न जानकारियां प्रस्‍तुत की गई :

· पहले राज्‍य वित्‍त आयोग का गठन 1999 में हुआ और गोवा सरकार ने नवम्‍बर, 2001 में आयोग की अनुशंसाओं को स्‍वीकार किया।

· दूसरे राज्‍य वित्‍त आयोग ने दिसम्‍बर, 2007 में अपनी रिपोर्ट प्रस्‍तुत की, परन्‍तु सरकार ने इस रिपोर्ट की अनुशंसाओं को स्‍वीकार नहीं किया।

· तीसरे राज्‍य वित्‍त आयोग का गठन जनवरी, 2017 में किया गया (दूसरे वित्‍त आयोग द्वारा प्रस्‍तुत रिपोर्ट के 10 वर्षों के बाद) और आयोग ने तीन वर्षों के बाद भी रिपोर्ट जमा नहीं की है।

14वें वित्‍त आयोग की प्रमुख अनुशंसाएं:

· 14वें वित्‍त आयोग ने अनुदान के रूप में 134 करोड़ रुपये (मूल अनुदान 120 करोड़ रुपये और प्रदर्शन आधारित अनुदान 14 करोड़ रुपये) ग्रामीण स्‍थानीय निकायों को देने की सिफारिश की थी। मूल अनुदान 120 करोड़ रुपये में से गोवा को 31 मार्च, 2019 तक केवल 50 करोड़ रुपये मिले है (14वें वित्‍त आयोग द्वारा अनुशंसित कुल अनुदान का मात्र 42 प्रतिशत)।

· 14 करोड़ रुपये के प्रदर्शन अनुदान में से गोवा को 2016-17 (प्रदर्शन अनुदान का पहला वर्ष) में केवल 2.62 करोड़ रुपये प्राप्‍त हुए है (14वें वित्‍त आयोग द्वारा अनुशंसित कुल अनुदान का मात्र 20 प्रतिशत)।

15वें वित्‍त आयोग ने दूसरे राज्‍य वित्‍त आयोग की अनुशंसाओं को स्‍वीकार नहीं करने के कारण जानने की इच्‍छा व्‍यक्‍त की। आयोग ने तीन वर्षों की अवधि बीत जाने के बाद भी तीसरे राज्‍य वित्‍त आयोग द्वारा रिपोर्ट प्रस्‍तुत नहीं करने के कारण जानने चाहे। वित्‍त वर्ष 2016-17 और 2017-18 के दौरान ग्राम पंचायतों ने कर राजस्‍व के रूप में क्रमश: 24 करोड़ और 25 करोड़ रुपये की धनराशि का संग्रह किया था। आयोग ने पंचायती राज संस्‍थानों की अद्यतन वित्‍तीय स्थिति की भी जानकारी मांगी।

गोवा के ग्रामीण स्‍थानीय निकायों के प्रतिनिधियों में शामिल थे –

उत्तरी गोवा जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती अंकिता नावलेकर, दक्षिण गोवा जिला परिषद अध्यक्ष श्री नवनाथ नाइक, पोंडा जिला परिषद सदस्‍य श्री मोहन वीरेकर, संर्वोदम जिला परिषद सदस्‍य श्रीमती सुवर्णा तेंदुलकर, सालीगाओ जिला परिषद सदस्‍य श्री रूपेश नाइक, मंड्रेम जिला परिषद सदस्‍य श्री अरुण बैंकर, कानाकोना-अगोंडा सरपंच श्री प्रमोद फलदासई, सांवरमडे-मोल्लेम सरपंच श्रीमती स्नेहलता नाइक, सांखिली पापी सरपंच श्रीमती प्रशिला गौडे, सुंगुएम ग्राम पंचायत उगेम श्री अर्जुन नाइक और अवेदेकोटिमी, क्यूपेम श्री अल्लुइउ अफोंसो।

आयोग ने प्रतिनिधियों द्वारा उठाये गये सभी विषयों को रेखांकित किया और केन्‍द्र सरकार को दी जाने वाली सिफारिशों में इन्‍हें दूर करने का भरोसा दिया

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