नई दिल्ली (ईएमएस)। ‘अल्पसंख्यक’ शब्द को नए सिरे से परिभाषित करने की मांग पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। न्यायालय ने यह आदेश एक जनहित याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया कि कई राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, लेकिन उन्हें अन्य अल्पसंख्यक समूहों को मिलने वाले अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने गृह, विधि एवं न्याय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालयों को नोटिस जारी कर विस्तृत जवाब देने को कहा है। याचिका में अल्पसंख्यक शब्द को परिभाषित करने और राज्य स्तर पर उनकी पहचान के लिए दिशा-निर्देश बनाने की मांग की है। इसमें कहा गया है कि लद्दाख, मिजोरम, लक्षद्वीप, कश्मीर, नगालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, पंजाब और मणिपुर में हिंदू अल्पसंख्यक हैं। बावजूद इसके उनके अल्पसंख्यक अधिकारों को गैरकानूनी और मनमाने तरीके से छीना जा रहा है क्योंकि अल्पसंख्यक के रूप में अधिसूचित नहीं किया है।
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