लाहौर (ईएमएस)। मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और आतंकी सरगना हाफिज सईद को भले ही जेल की सजा मिली हो लेकिन पेरिस में होने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक के बाद उसे रिहा किए जाने की पूरी संभावना है। इस बाबत जानकारी देने वाले सूत्र ने बताया कि हाफिज की गिरफ्तारी को लेकर दिए गए आदेशों में जानबूझकर ऐसी कमियां छोड़ी गई हैं, जो उसे कभी भी रिहा करा सकती हैं। हाफिज का वकील पहले ही कह चुका है कि वह हाफिज को मिली इस सजा को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती देगा। सईद के वकील का तर्क है कि अदालत ने हाफिज को एफएटीएफ के दबाव के चलते दोषी हराया है। रविवार 16 फरवरी को पेरिस में एफएटीएफ की बैठक होनी है जिसमें पाक को ग्रे लिस्ट में रखने या इससे निकालकर ब्लैक लिस्ट में डालने अथवा व्हाइट लिस्ट में रखे जाने का फैसला होना है। इससे पहले एफएटीएफ ने पाकिस्तान को आदेश दिया था कि वह धनशोधन और आतंक वित्तपोषण पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाए। बैठक में इस आधार पर फैसला किया जाएगा कि इस दिशा में पाक ने कितना काम किया है।
सईद पर कार्रवाई महज धोखा: रक्षा विशेषज्ञ
एफएटीएफ की बैठक से ठीक पहले हाफिज सईद की सजा को रक्षा विशेषज्ञ पीके सहगल ने दुनिया को धोखा देने वाला कदम करार दिया है। एक अन्य रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा ने कहा, जब भी आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर दबाव बढ़ता है तो वह दिखावे के लिए ऐसे आतंकी आकाओं को गिरफ्तार कर लेता है।
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