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मास्टर प्लान लागू करने में भी भाजपा सरकार में होती रही मनमानी

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भाजपा शासन में कागज से बाहर नहीं आए 78 शहरों के मास्टर प्लान – विकास न अटके: कांग्रेस सरकार करेगी टाइम बाउंड काम – मास्टर प्लान में नया नियम… जिस दिन नोटिफिकेशन आएगा, उसी दिन से लागू होंगी स्कीमें, तत्काल शुरू करना होगा काम – 22 को भोपाल के मास्टर प्लान का प्रेजेंटेशन देखेंगे मुख्यमंत्री भोपाल (ईएमएस)। राजधानी भोपाल सहित प्रदेश में कई शहरों के मास्टर प्लान की तैयारी अंतिम चरण में है। वहीं इस दौरान यह विसंगति सामने आई है कि प्रदेश में पिछले 15 साल में 78 से ज्यादा शहरों का मास्टर प्लान नहीं आ सका है। अब कांग्रेस सरकार ने मॉनिटरिंग शेड्यूल बनाकर काम करना तय किया है, ताकि हर शहर का मास्टर प्लान घोषित हो सके। इसके लिए टाइम बाउंड फॉर्मूले पर काम होगा। हर शहर के मास्टर प्लान बनाने की समयावधि तय कर दी गई है। गौरतलब है कि मप्र में पिछले 15 साल तक विकास का ढिढ़ोरा पीटने वाली भाजपा सरकार में विकास केवल कागजों में होता रहा है। यही नहीं भाजपा शासनकाल में तो 78 से अधिक शहरों का मास्टर प्लान कागज से बाहर नहीं आ सके। इससे शहरों का विकास सुनियोजित तरीके से नहीं हो सका है। अब वर्तमान सरकार सभी शहरों में मास्टर प्लान लागू करने की तैयारी कर रही है। सीएम 22 को देखेंगे प्रेजेंटेशन प्रदेश के बड़े शहरों के लिए जो मास्टर प्लान तैयार हो रहे हैं, उनमें कुछ नए नियम भी जोड़े जा रहे हैं। इनमें सबसे खास यह है कि मास्टर प्लान का जिस दिन भी नोटिफिकेशन जारी होगा, इसके साथ ही विकास प्रोजेक्ट भी लागू कर दिए जाएंगे। इन प्रोजेक्ट्स पर निर्माण एजेंसियों को अगले दिन से ही काम शुरू करना होगा। भाजपा शासनकाल में जिन शहरों में मास्टर प्लान नहीं लाया !

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