Newsportal

आयुष क्षेत्र में उद्यमिता विकसित करना भारत सरकार के लिए एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र है: आयुष मंत्री सरबानंद सोनोवाल

0 28


नई दिल्ली, 2दिसंबर।केंद्रीय आयुष और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने तिरुवनंतपुरम में राष्ट्रीय आरोग्य मेले में अपने उद्घाटन भाषण के दौरान कहा कि वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव प्रगति का एक प्रतीक है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में वैश्विक मंच पर आयुर्वेद की ताकत को प्रदर्शित करता है। उन्होंने यह भी कहा कि आयुष क्षेत्र में चिकित्सकों और हितधारकों को इनोवेशन और सहयोग की भावना को अपनाना चाहिए।

वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव का आयोजन 1 से 5 दिसंबर तक केरल के तिरुवनंतपुरम में सीआईएसएसए – सेंटर फॉर इनोवेशन इन साइंस एंड सोशल एक्शन के सहयोग से किया जा रहा है। महोत्सव में दुनिया भर से शोधकर्ता, गणमान्य व्यक्ति और आयुर्वेद बिरादरी के लोग उपस्थित होंगे।

सर्बानंद सोनोवाल ने वी. मुरलीधरन, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री, वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष और आयुष मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय आरोग्य मेले का उद्घाटन किया। मेले का आयोजन वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव और आरोग्य एक्सपो के साथ किया जा रहा है।सर्बानंद सोनोवाल ने प्राचीन ज्ञान और आधुनिक उन्नति के बीच के अंतर को पाटने वाली पहल में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की।

आयुष मंत्री ने आयुष क्षेत्र के चिकित्सकों और हितधारकों से इनोवेशन और सहयोग की भावना को अपनाने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि सरकार आयुष क्षेत्र में अन्य देशों में निवेश करने के इच्छुक लोगों को भी सुविधा प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि आयुष क्षेत्र में उद्यमिता विकसित करना भारत सरकार द्वारा चिन्हित एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र है और युवा उद्यमियों के लिए आयुष क्षेत्र में स्टार्टअप स्थापित करने की अपार संभावनाएं हैं।

विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने उभरती स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में भारत की पारंपरिक चिकित्सा, विशेष रूप से आयुर्वेद की शक्ति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नीति आयोग का हालिया अध्ययन हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों की मजबूती को रेखांकित करता है।

आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव को संबोधित किया और भारत में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के मानकों को ऊपर उठाने, आयुर्वेदिक शिक्षा में उपलब्धियों पर जोर दिया। उन्होंने इसमें समर्पित एनसीआईएम टीम को उनके पूरे दिल से किए गए प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने राष्ट्रीय आयुष मिशन के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य में प्रभावशाली विकास पर प्रकाश डाला। देश भर में 137 अस्पतालों के निर्माण या प्रगति के साथ, आयुष केंद्र कई जिलों में फल-फूल रहे हैं। उन्होंने वैज्ञानिक ज्ञान को आगे बढ़ाने, महत्वपूर्ण नैदानिक ​​​​परीक्षण आयोजित करने और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में साक्ष्य-आधारित प्रथाओं को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहने के लिए आयुष मंत्रालय के तहत अनुसंधान परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से एकीकृत मॉडल में सहयोगात्मक अध्ययन में सक्रिय रूप से संलग्न रहने के लिए सीसीआरएएस की टीम की प्रशंसा की।



Source link

Leave A Reply

Your email address will not be published.